दशहरा हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
दशहरा हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। वे मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और रावण के पुतले जलाते हैं।
दशहरा का त्योहार पूरे भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। सबसे भव्य आयोजन दिल्ली के रामलीला मैदान में होता है। वहां हर साल एक विशाल रावण का पुतला जलाया जाता है।
दशहरा का त्योहार हमें यह सिखाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। हमें इस त्योहार को धूमधाम से मनाना चाहिए और बुराइयों को त्यागकर अच्छाइयों को अपनाना चाहिए।
दशहरा मनाते समय सुरक्षा
दशहरा का त्योहार मनाते समय कुछ सावधानियाँ बरतने की सलाह दी जाती है, जैसे कि:
- रावण के पुतले को जलाते समय सुरक्षित दूरी बनाकर खड़े रहें।
- पटाखे सावधानी से फोड़ें।
- बच्चों को पटाखे न फोड़ने दें।
- आग से सावधान रहें।
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
- अगर आपकी तबीयत ठीक नहीं है तो भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाएं।
दशहरा का त्योहार बहुत ही खुशी और उत्साह का त्योहार है। हमें इस त्योहार को सुरक्षित तरीके से मनाना चाहिए और सभी को दशहरा की शुभकामनाएं देनी चाहिए।








